अमंगल


अमंगल 

मित्रों 🙏 अभी अहमदाबाद में हुए वायुयान दुर्घटना को हम भूल भी नहीं पाए थे और कल ( बीती हुई ) सुबह केदारनाथ में हेलीकॉप्टर के दुर्घटना ग्रस्त होने की दुखद खबर पुनः आ गई। एक के बाद एक दुर्घटना!😪
मित्रों दिनांक 7 जून से सिंह राशि में मंगल और केतु की अंगारक योग बनी हुई है। यह योग 28 जुलाई तक रहेगा।
सिंह राशि स्वयं एक अग्नि तत्व की राशि है और उसपर भी मंगल जो कि एक अग्नि तत्व का ग्रह है, विराजमान है। और इतना ही नहीं केतु जो मोक्ष का कारक ग्रह है वह भी विराजमान है।
मंगल और केतु दोनों परस्पर शत्रु हैं। मंगल हिंसा,अग्निकांड, युद्ध, रक्तपात ,वायुयान, रेल यान और भूमि पर जितने भी यान हैं उन सबका कारक ग्रह है। 
स्थिति ये है कि मंगल आग लगायेगा और साथ का केतु उसे और अधिक भड़कायेगा और मृत्यु का तांडव खेलेगा।
तो मन में एक प्रश्न उठता है ऐसे में करें तो क्या करे? घर में तो बैठ कर रह नहीं सकते। आफिस, स्कूल, ड्यूटी,काम, यात्रा पर भी तो जाना है। किसी को छोड़ भी नहीं सकते।
तो आइए कुछ उपाय पर बात करते हैं कि जिनका पालन करते हुए हम सुरक्षित रह सकते हैं -----
1--- ज्योतिष शास्त्र में मंगल और केतु दोनों को ही शमन करने के लिए श्री हनुमान जी की शरणागति लेना और हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कही गई है।खासकर उन लोगों को तो करना ही चाहिए जिनकी जन्म कुंडली में मंगल और केतु का अंगारक योग अशुभ योग बना हुआ है।

2--- आज का युग वाहन का युग है। वाहन संसाधन के बिना, उसपर भी त्वरित गति से चलाकर पहुंचे बिना हमारा गुजारा नहीं हो सकता। यद्यपि हर वाहन की गति सीमा निर्धारित की गई होती है। लेकिन विडम्बना ये है कि उस गति सीमा पर चलने के नियम का पालन कोई नहीं करता। "" मैं आगे हो जाऊं, मैं आगे पहुंच जाऊं " की होड़ लगी हुई है। वाहन दुर्घटना होने का यह एक कारण ये भी है।
अतः यात्रा नियमों का पालन करें और गति सीमा में ही वाहन चलायें।

3--- शराब पीकर वाहन कभी भी नहीं चलाएं क्योंकि जब हम शराब पीने के बाद स्वयं को नियंत्रित नहीं कर सकते तो भला वाहन को नियंत्रित कैसे कर सकते हैं।

4-- रोजाना 6-7 घंटे की नींद लें। इससे हमारा शरीर स्फूर्ति वान बना रहता है। इस साल कुम्भ मेला में पहुंचने वाले और कुम्भ मेला करके लौटने वाले कई वाहन दुर्घटना का शिकार हुए हैं। कारण एक यह भी रहा कि वाहन चालक कई दिनों से,कई घंटों से वाहन चलाने के कारण ठीक तरह से सो नहीं पाया।

5-- जैसे आप बीमार होने पर अपना इलाज कराते हैं फिर इसके बाद कोई काम करते हैं ठीक वैसे ही आप अपने गाड़ी की नियमित रूप से मरम्मत कार्य कराते रहें। कोई भी खराबी हो तो उसे अनदेखा नहीं करें। ब्रेक, फ्यूल टंकी और अन्य कल पुर्जे की जांच नियमित रूप से करायें।
6-- मंगल और केतु की यह युति 7 जून से लेकर 28 जुलाई तक बनी हुई है,तब तक आप लम्बी अवधि, दूरी की यात्रा पर न जाएं। टाल दें।
क्योंकि एक के बाद एक यान हादसों का होना यह संकेत कर रहा है कि इस समय यात्रा करने का सही और सुरक्षित समय नहीं है। जबरजस्ती बिल्कुल न करें।
 ध्यान रखें -"आपका जीवन समय से भी अधिक बहुमूल्य है।"
7-- भीड़भाड़ वाली जगहों, जहां कि किसी कारण से पथराव, हिंसा हो रही हो, असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा हो तो ऐसे स्थानों में भूलकर भी नहीं जाना चाहिए क्योंकि कुछ भी हो सकता है। 
IPL final match के दिन एक तरफ RCB Team के खिलाड़ी और समर्थक अपने जीत का जश्न मना रहे थे तो वहीं दूसरी ओर सड़क पर भगदड़ में निर्दोष 12-13 लोग मारे गए।
8--- लेकिन मित्रो कभी कभी हमें अपरिहार्य 
 कारणों से यात्रा करना ही पड़ जाता है। तब क्या करें?
ऐसे में श्री राम चरित मानस में गोस्वामी श्री तुलसीदास जी ने भगवान श्री राम जी के विमान से सकुशल अयोध्या वापसी के समय एक चौथाई लिखा है। जब कभी भी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाय तो अपने नेत्र बन्द करके श्री राम जी की मूर्ति अपने मन मंदिर में ध्यान करके यह चौपाई कई बार उच्चारित करें ---
" चलत विमान कोलाहल होइ। जय रघुवीर कहत सब कोइ।।"

यह सिद्ध चौपाई है। पूर्ण श्रद्धा और विश्वास पूर्वक स्मरण करके यात्रा पर जाएं। सुरक्षित यात्रा होगी।

और एक अंतिम बात 🙏
जीवन और मृत्यु उस ईश्वर के हाथों में है। जब जीव अपने मां के गर्भ में पल रहा होता है तो उसी समय उसके भाग्य में पूर्व कर्मों के अनुसार ही जन्म और मृत्यु का समय,कारण, प्रकार निश्चित कर दिया जाता है।
जन्म और मृत्यु ध्रुव और अटल सत्य है। स्वयं भगवान श्री राम और भगवान श्री कृष्ण को भी एक दिन अपना देह त्यागना पड़ा तो हम साधारण जीवों की तो बात ही क्या ।
फिर भी "सावधानी रखना हमारे हाथ में है!

Astro-db

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