कुंडली में नीच का गुरु
आज का टॉपिक नीच का गुरु बृहस्पति
गुरु बृहस्पति मकर राशि में ही नीच क्यों हो जाते है ?
उत्तर - उत्तर जानने के लिए हमें मकर राशि और बृहस्पति दोनों को समझना होगा ।
गुरु ज्ञान धर्म भाग्य चरित्र सौभाग्य और दर्शनशास्त्र को संबोधित करता है
मकर राशि शनि की राशि है ये कालपुरुष के दशम भाव का प्रतिनिधित्व करती है ये कर्म को दर्शाती है ये परिश्रम को दर्शाती है ये कर्म क्षेत्र / युद्ध क्षेत्र को इंगित करती है
मकर राशि में ही गुरु नीच क्यों
उत्तर - बृहस्पति उच्च कोटि का जान और दर्शन है जबकि मकर राशि कर्म और भौतिकवाद की राशि है गुरु का भौतिकवाद से लेना देना नहीं है गुरु अलौकिक है जबकि मकर राशि भौतिकवाद है अब जान के ग्रह को यहां जान लेने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है क्योंकि यहां वो कर्म में व्यस्त हो जाता है मकर राशि सामाजिक मान प्रतिष्ठा को कार्य क्षेत्र को , कार्य प्रणाली को इंगित करती है ये राशि संघर्ष & अनुशासन और लॉन्ग टर्म रिलेटेड चीजों को इंगित करती है बृहस्पति आपके शिक्षक आपके नैतिक मूल्य और धर्म धन संतान भाग्य के कारक के रूप में कार्य करता है गुरु मकर राशि में 5 डिग्री पर परम नीच होता है
ज्योतिषाचार्य एस्ट्रो-डीबी
👉 मकर राशि में जान और धर्म और उपदेश कारक गुरु शनि की परिश्रम की राशि में सहज फील नहीं करता क्योंकि गुरु का का काम भौतिकवादी परिश्रम न होके दार्शनिक उपदेश है इसलिए यहां गुरु नीच हो जाता ।
अगर कुंडली में नीचभंग न बने और शुभ स्थिति न हो तो गुरु के नीच होने पर निम्नलिखित परिणाम मिल सकते है
1 - जिन लोगों की कुंडली में गुरु नीच राशि का होता है उन लोगों के मन में कानून का पालन करनी की सोच बढ़ जाती है
2 - नीच का गुरु हो और पंचम नवम भाव शुभ न हो तो जातक को जानअर्चन में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और एजुकेशन में रुकावट आ सकती है
3 - नीच गुरु वाले जातकों में एकाग्रता की कमी होती है इनका मन ठीक से जान या शिक्षा की बात में कम लगता है
4 - अगर गुरु नीच होने के साथ चंद और द्वादश भाव भी पीड़ित हो जाए तो ऐसे लोगों का खुद पर नियंत्रण नहीं रहता और ये जल्दी व्यसनों में फंस सकते है
5 - अगर गुरु नीच हो और नवम एकादश भाव पीड़ित हो तो जातक की संगति गलत होती है और गलत सलाह पर जातक आगे बढ़ता है
6 - गुरु धन भाव का कारक है अगर 2nd हाउस में राहु या मंगल का प्रभाव हो और गुरु नीच हो तो जातक की भाषा और खानपान दूषित होगा जैसे झूठ अपशब्द का प्रयोग और गुटका सिगरेट प्रयोग की संभावना बढ़ जाएगी ।
7 - नीच गुरु जब कुछ विशेष ग्रहों से संबध बनाए तो व्यक्ति में अहम और अहंकार बढ जाता है
8 - महिलाओं की कुंडली में क्योंकि गुरु ग्रह पति और सन्तान को इंगित करता है तो नीच गुरु अगर पीड़ित हो जाए तो स्त्रियों के वैवाहिक जीवन में परेशानियों और संतान उत्पत्ति में विपत्तियों का सामना करना पड़ता है
नोट - नीच गुरु के अलग अलग कुंडली में नक्षत्र राशि युति दृष्टि और भाव में अंतर होने के कारण अलग अलग परिणाम मिल सकते है
_ज्योतिष कोई परमात्मा नही यह आपका मार्ग दर्शक है_
*हर तरह की कुण्डली बनवाने या सटीक कुण्डली विश्लेषण हेतू आप हमसे सम्पर्क कर सकते हैं*_9202599416
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें