कुंडली
लग्न कुंडली ,सूर्य कुंडली एवं चंद्र कुंडली कैसे देखते हैं ?
सबसे पहले लग्न कुंडली देखते हैं जन्म कुंडली के फलादेश एवं उपाय लग्न कुंडली से ही देखे जाते हैं एवं उपाय किए जाते हैं ।
यदि किसी लग्न कुंडली में दशम भाव एवं दशम भाव का स्वामी कमजोर या पीड़ित है और सूर्य कुंडली में भी दशम भाव एवं उसका स्वामी पीड़ित है और चंद्र कुंडली में भी दशम भाव का स्वामी कमजोर और पीड़ित है तब माना जाएगा कि दशम भाव से संबंधित समस्या बहुत ज्यादा होगी ।
यदि सिर्फ लग्न कुंडली एवं चंद्र कुंडली में समस्या है तो समस्या उससे कम होगी और यदि सिर्फ लग्न कुंडली में है तो समस्या इतनी ज्यादा नहीं होगी ।
अब उपाय कैसे करें ? लग्न कुंडली से चंद्र कुंडली से और सूर्य कुंडली तीनों से उपाय नहीं कर सकते हैं । इन तीनों कुंडली से सिर्फ यह देख सकते हैं कि समस्या कितना ज्यादा है परंतु उपाय लग्न कुंडली से ही किया जाता है ।
( चाहे आप षोडश वर्ग की कुंडली चेक कर ले या सूर्य कुंडली चंद्र कुंडली चेक कर ले परंतु मुख्य फलादेश लग्न कुंडली से ही होता है और उपाय भी लग्न कुंडली के हिसाब से ही होता है । लग्न कुंडली के अलावा जितने भी कुंडलियों को देखा जाता है उनके माध्यम से लग्न कुंडली में जो समस्या है उसका प्रभाव कितना ज्यादा है या कितना कम है सिर्फ यही देखा जाता है । )
_ज्योतिष कोई परमात्मा नही यह आपका मार्ग दर्शक है_
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